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Showing posts from January, 2023

निपुण भारत क्या है

निपुण भारत  नई शिक्षा नीति -2020 के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए 5 जुलाई 2021 को भारत के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा “निपुण भारत कार्यक्रम” की शुरुआत की गई | निपुण (NIPUN) का अर्थ है National Initiative for Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy अर्थात ‘संख्यात्मक ज्ञान के साथ, पठन में निपुणता के लिये राष्ट्रीय पहल’ | यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की आवश्यकताओं को पूरा करना ।  इस योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता (अंकगणित ) के ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाये जाने का लक्ष्य है | निपुण योजना के माध्यम से सन 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने, लिखने एवं बुनियादी अंकगणित (Basic Numeracy) को सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी। इस योजना का कार्यान्वयन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस योजना को केंद्र प्रायोजित योजना ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के तत्वावधान में शुरू किया गया है | इस लेख में आप निपुण भारत कार्य...

प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा [Early Childhood Care And Education]

☆ प्रारंभिक बाल्यावस्था का अर्थ जन्म से 6 वर्ष तक के शुरुआती जीवन से हैं | इन वर्षों को निर्माण के वर्ष कहते हैं क्योंकि इन्हीं बर्षों में शारीरिक,मानसिक,सामाजिक,संवेगात्मक और भाषा के विकास की नीव परती हैं  ☆ तंत्रिका विकास के क्षेत्र में हुए अनुसंधान ने इन वर्षों के महत्व को इस रूप में माना हैं कि इन वर्ष में मस्तिष्क का विकास बहुत त्रिव गति से होता है  ☆ प्रारंभिक वर्ष में लालन पालन उद्दीप्त करने वाली परिवेश और सीखने के अनुकूलतम अवसर छोटे बच्चों के जीवन पर दीर्घकालिक प्रभाव डालते हैं  ☆ इन निर्माण वर्षो में सभी बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बाल्यावस दे भाल और शिक्षा [ECCE] की सुनिश्चितता द्वारा ऐसा किया जा सकता है  ☆ किसी भी प्रकार का वचन बच्चों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है अतः BCCE के अर्थ और महत्व को समझना अनिवार्य हो जाता है  अर्थ और महत्व  ☆ BCCE शब्द तीन मुख्य शब्दों से मिलकर बना है      1. प्रारंभिक बाल्यावस्था      2. देखभाल      3. शिक्षा  ☆ प्रारंभिक देखभाल में जन्म से 6 वर्ष तक की ...

26 जनवरी पर भाषण हिंदी में | Republic Day 2023 Speech in Hindi

  प्रतिवर्ष 26 जनवरी को हम देश के गणतंत्र दिवस के रूप में मानते हैं। इस दिन हमे अंग्रेजों की गुलामी समाप्त होने के बाद ही गणतंत्र होने का दर्जा प्राप्त हुआ था। 26 जनवरी 1950 को हमारा देश एक प्रजातान्त्रिक गणतंत्र देश बना था। इस दिन हमारे देश में संविधान लागू हुआ था। भारत में हर स्कूल, कॉलेजो या ऑफिस में हर जगह हम गणतंत्र दिवस को बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता इत्यादि का आयोजन किया जाता है। अगर आप 26 जनवरी पर भाषण की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल बिलकुल सही जगह है। यहाँ गणतंत्र दिवस पर भाषण का एक बहुत ही अच्छा नमूना दिया जा रहा है जिसे विद्यार्थी या अध्यापक या ऑफिस में, गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में इस्तेमाल कर सकते हैं। Republic Day Speech in Hindi इस आर्टिकल से प्राप्त कर सकते हैं। 26 जनवरी पर भाषण हिंदी में 26 जनवरी को चाहे स्कूल हो या कॉलेज या आफिस सभी जगह लोग 26 जनवरी यानी कि गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में भाषण देते हैं। यदि आप भी 26 जनवरी को भाषण देना चहाते हैं। तो हमारा ये आर्टिकल आपके काम आएगा। इसे जरूर पढें। आप सभी क...

बियर के बारे में

बियर संसार का सबसे पुराना और सर्वाधिक व्यापक रूप से खुलकर सेवन किया जाने वाला मादक पेय है।[1] सभी पेयों के बाद यह चाय और जल के बाद तीसरा सर्वाधिक लोकप्रिय पेय है।[2] क्योंकि बियर अधिकतर जौ के किण्वन (फ़र्मेन्टेशन​) से बनती है, इसलिए इसे भारतीय उपमहाद्वीप में जौ की शराब या आब-जौ के नाम से बुलाया जाता है। संस्कृत में जौ को 'यव' कहते हैं इसलिए बियर का एक अन्य नाम यवसुरा भी है। ध्यान दें कि जौ के अलावा बियर बनाने के लिए गेहूं, मक्का और चावल का भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। अधिकतर बियर को राज़क (हॉप्स) से सुवासित एवं स्वादिष्ट कर दिया जाता है, जिसमें कडवाहट बढ़ जाती है और जो प्राकृतिक संरक्षक के रूप में भी कार्य करता है, हालांकि दूसरी सुवासित जड़ी बूटियां अथवा फल भी यदाकदा मिला दिए जाते हैं।[3] लिखित साक्ष्यों से यह पता चलता है कि मान्यता के आरंभ से बियर के उत्पादन एवं वितरण को कोड ऑफ़ हम्मुराबी के रूप में सन्दर्भित किया गया है जिसमें बियर और बियर पार्लर्स[4] से संबंधित विनियमन कानून तथा "निन्कासी के स्रुति गीत", जो बियर की मेसोपोटेमिया देवी के लिए प्रार्थना एवं किं...

परागण

परागण  एक पौधे के परागकोष से पौधे के वर्तिकाग्र तक पराग का स्थानान्तरण है, जो बाद में निषेचन और बीजों के उत्पादन को सक्षम बनाता है, जो अक्सर किसी वाहक जैसे वायु, जल अथवा पशुओं द्वारा सम्पन्न होता है । परागण अक्सर एक प्रजाति के भीतर होता है।

परिवार और मित्र

        परिवार[Family] ☆ परिवार समाज कि सबसे छोटी इकाई होती है|सुखी और संपन्न परिवारो से मिलकर ही एक समृद्ध समाज का निर्माण होता है | सामान्यता एक पति और पत्नी से ही एक परिवार बनता है | बाद में उनके माता-पिता बन जाने से परिवार बढ़ने लगता है |सामान्यतः तीन से चार पीढ़ियों के लोग भी एक परिवार का हिस्सा हो सकते है | ☆ परिवार को हमेसा ही प्रथम पाठशाला माना जाता है |वे कोई भी अच्छी या बुरी आदत यही से सीखते हैं |एक परिवार के सदस्यों के रूप में ही उनमे धार्मिक आस्था, जीवन शैली, खान पान की आदतों और पसंद नापसंद का भी विकास होता है |बरे पारिवारिक व्यवसाय का विकास आमतौर पर एक परिवार के साथ ही होता है  परिवार के प्रकार[Types Of Family] सामानतः  परिवार दो प्रकार के होते हैं  1. संयुक्त परिवार  2. एकल परिवार  संयुक्त परिवार[Joint Family] ☆ जब किसी परिवार में कई पीढ़ियों के लोग एक साथ रहते हैं, तो उस परिवार को संयुक्त परिवार कहा जाता है  ☆ संयुक्त परिवार के सदस्य एक साथ काम करते हैं इसलिए परिवार के सदस्य पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं होता है उनके ख़र्चे भी ...

पाठ्यक्रम का अर्थ और परिभाषा

पाठ्यक्रम का अर्थ Curriculum Meaning in hindi पाठ्यक्रम एक नीति हैं जिसके आधार पर समस्त शिक्षण कार्यो का क्रियान्वयन किया जाता हैं। जैसे क्या कब और कैसे पढ़ाना हैं इसका निर्धारण पाठ्यक्रम द्वारा ही किया जाता हैं। पाठ्यक्रम (Curriculum) जिसका अर्थ होता हैं “दौड़ का मैदान”। दौड़ का मैदान अर्थात विद्यार्थियों द्वारा इस रेस में हिस्सा लिया जाता हैं, अभिप्राय छात्र अपने पाठ्यक्रम के अनुसार ही विद्यालय में समस्त कार्य करते हैं चाहे वह शिक्षण-अधिगम कार्य हो या सहगामी क्रियाएं (Co-Curriculum Activities) पाठ्यक्रम के आधार पर ही एक शिक्षक भी अपना शिक्षण कार्य सम्पन्न करता हैं। विद्यालय में कोन सा कार्य कब होना हैं इसका निर्धारण पाठ्यक्रम के अनुसार ही होता हैं। पाठ्यक्रम का अर्थ (Curriculum Meaning in Hindi) पाठ्यक्रम (Curriculum) एक शिक्षा का आधार हैं जिसकी राह पर चलकर शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति की जाती हैं। पाठ्यक्रम के अनुसार ही छात्र अपना अधिगम कार्य करते हैं।पाठ्यक्रम द्वारा ही विषयों को क्रमबद्ध तरीके से किया जाता हैं। समाज की आवश्यकता को देखते हुए ही किसी भी पाठ्यक्रम का निर्माण किया ...

बिहार में प्रथम (First In Bihar GK In Hindi)

बिहार में प्रथम :  यहाँ हम आपको निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा भारत के राज्य बिहार में प्रथम व्यक्ति या प्रथम बार क्या-क्या  (First In Bihar GK In Hindi)  हुआ वो बता रहे है, जो इस प्रकार है...    प्रथम जैन संगीति का आयोजन स्थल - पाटलिपुत्र बोधगया स्थित बौद्ध मंदिर के निर्माणकर्ता - समुद्रगुप्त(मगध सम्राट) बिहार पर सर्वप्रथम आक्रमण करने वाला मुस्लिम - मो0 बिन बख्तियार खिलजी बिहार की यात्रा करने वाला पहला अंग्रेज यात्री - राल्फ फिच बिहार का दौरा करने वाले प्रथम सिख गुरु - गुरु नानक देव प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) में बिहार का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति - बाबू कुंवर सिंह महात्मा गाँधी के सत्याग्रह आंदोलन की प्रथम प्रयोग- चंपारण में बिहार के प्रथम राज्यपाल - जयराम दास दौलत राम राष्ट्रपति बनने वाले प्रथम बिहारी - डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री - डॉ0 श्रीकृष्ण सिंह बिहार के प्रथम हरिजन मुख्यमंत्री - भोला पासवान शास्त्री बिहार के प्रथम मुस्लिम मुख्यमंत्री - अब्दुल गफूर बिहार की प्रथम महिला मुख्यमंत्री - राबड़ी देवी बिहार के सबसे कम कालावधि वाले मुख्यमंत...

Bihar Gk In hindi | बिहार सामान्य ज्ञान हिंदी में

तो कैसे हो आप सब लोग उम्मीद करता हूं ठीक ही होंगे, किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में लगभग 25 से 30% सामान्य ज्ञान (General Knowledge) और करंट अफेयर्स (Current Affairs) के प्रश्न होते हैं। इसलिए, यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो देश भर के शीर्ष कॉलेजों में Admission लेना चाहते हैं या सरकारी नौकरी की किसी भी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, तो आपके लिए करंट अफेयर्स (Current Affairs) और सामान्य ज्ञान (General Knowledge) विषयों की जानकारी रहना बहुत जरूरी है। आज के इस पोस्ट Bihar GK In Hindi | बिहार सामान्य ज्ञान 2023 Pdf - GyAAnigk में हम बिहार राज्य सेे जुड़े कुुछ महत्वपूर्ण Questions के बारे मेंं चर्चा करेंगे। वर्तमान बिहार विभिन्न एतिहासिक क्षेत्रों से मिलकर बना है। बिहार के क्षेत्र जैसे-मगध, मिथिला और अंग- धार्मिक ग्रंथों और प्राचीन भारत के महाकाव्यों में वर्णित हैं। यह सबसे दुःख की बात है की भारत के सभी राज्यो में बिहार की अर्थव्यवस्था सबसे बुरी है, 2014 के रिपोर्ट के मुताबिक बिहार अर्थव्यवस्था में सबसे पीछे था और भारत का सबसे गरीब राज्य भी कहा जाता है। सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी क...

शिशुशिक्षा

"शिशु" शब्द का अर्थ बहुत व्यापक होता है। कोई जन्म से लेकर ढाई तीन वर्षों तक, कोई पाँच वर्ष तक और कोई छह या सात वर्ष तक के बच्चे को शिशु कहता है। परंतु शिशुशिक्षा के अर्थ "दो से ग्यारह या बारह वर्ष तक की शिक्षा" माना जाता है। इस पर्याप्त लंबी अवधि को प्राय दो भागों में बाँटा जाता है।

बिहार का मुख्य भोजन[ Main Food Of Bihar]

बिहार राज्य अपने समृद्ध इतिहास के लिए उतना ही प्रसिद्ध है जितना कि भारत में अपने सरल और सीधे लोगों को समायोजित करने के लिए जाना जाता है, जो विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों से प्यार करते हैं। अत: इस राज्य के निवासी यथार्थवादी हैं और निश्चित रूप से देश में अथिति को सम्मान देने की भावना के लिए जाने जाते हैं। यह विशिष्टता यहीं समाप्त नहीं होती है। वे हमेशा अच्छा खाना पसंद करते हैं। वास्तव में बिहारी व्यंजन कई मायनों में विशिष्ट होने के कारण देश के पूरे उत्तरी क्षेत्र में प्रसिद्ध है। चूंकि राज्य सांस्कृतिक रूप से जीवंत है, इसलिए इसकी खाद्य किस्मों को देश में विशद रूप से जाना जाता है। कृषि और विभिन्न अन्य संसाधनों में इसकी व्यापक समृद्धि दुनिया भर में जानी जाती है, लेकिन समान रूप से राज्य की विविध खाद्य संस्कृति को आश्चर्यचकित करती है। बिहार के भोजन या बहु-व्यंजनों की अनूठी विशेषता यह है कि यह सादगी बनाए रखता है फिर भी देश में सबसे आकर्षक भोजन विकल्पों में से एक है। शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के खाद्य पदार्थों में एक ऐसी ताजगी और अच्छाई है जो भोजन का स्वाद लेने के इच्छुक हर व्यक्ति को...

बिहार का खाना[Food Of Bihar]

मुख्य भोजन भोजन में दाल, भात, रोटी, भाजी, अचार, पापड़, सत्तू चाव से खाया जाता है। बिहारी भोजन के रूप में लिट्टी-चोखा को वैश्विक पहचान मिली है। जैसा कि पहले कहा गया है, बिहार के लोगों द्वारा खाया जाने वाला भोजन शाकाहारी और बहुत स्वस्थ है।

खाद्य परिरक्षण

खाद्य परिरक्षण  खाद्य को उपचारित करने और संभालने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे उसके खराब होने (गुणवत्ता, खाद्यता या पौष्टिक मूल्य में कमी) की उस प्रक्रिया को रोकता है या बहुत कम कर देता है, जो सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा होती या तेज कर दी जाती है। यद्दपि कुछ तरीकों में, सौम्य बैक्टीरिया, जैसे खमीर या कवक का प्रयोग किया जाता है ताकि विशेष गुण बढ़ाए जा सके और खाद्य पदार्थों को संरक्षित किया जा सके (उदाहरण के तौर पर पनीर और शराब). पौष्टिक मूल्य, संरचना और स्वाद बनाना और उसका अनुरक्षण, खाद्य के रूप में उसके गुणों को संरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सांस्कृतिक रूप से आश्रित है क्योंकि जो एक संस्कृति के लोगों के लिए खाने योग्य है, वह दूसरी संस्कृति के लोगों के लिए नहीं भी हो सकती है। My YouTube Channel

तन्तु तथा तन्तु के प्रकार

तंतु से वस्त्र तक जो पदार्थ पतली और लगातार लड़ी के रूप में रहता है उसे तंतु कहते हैं। तंतु के प्रकार प्राकृतिक तंतु: जो तंतु पौधों या जंतुओं से मिलते हैं उन्हें प्राकृतिक तंतु कहते हैं। उदाहरण: रुई, जूट, रेशम और ऊन। प्राकृतिक तंतु दो प्रकार के होते हैं: पादप तंतु और जंतु तंतु। रुई और जूट पादप से मिलने वाले तंतु हैं। रेशम और ऊन जंतुओं से मिलने वाले तंतु हैं। संश्लेषित तंतु: जिस तंतु का निर्माण मानव द्वारा होता है उसे संश्लेषित या संश्लिष्ट तंतु कहते हैं। उदाहरण: नायलॉन, एक्रिलिक, पॉलिएस्टर। रुई भारत में रुई की खेती महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, तमिल नाडु और मध्य प्रदेश में होती है। रुई की खेती रुई की खेती के लिए काली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। रुई की खेती के लिए उष्ण जलवायु की जरूरत होती है। कपास के बीजों को बसंत की शुरुआत में बोया जाता है। कपास के पौधे झाड़ियों की श्रेणि में आते हैं और 1 से 2 मीटर लंबे होते हैं। लगभग 60 दिनों में कपास के फूल निकल आते हैं। कपास का फूल सफेद-पीले रंग का होता है। कुछ ही दिनों में ये फूल लाल हो जाते हैं। धीरे-धीरे फूल एक गोले में बदल जाता है ज...

महत्वपूर्ण प्रश्न

महत्वपूर्ण प्रश्न 1. पदार्थ की कितनी अवस्थाएं होती हैं? पदार्थ मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं- ठोस, द्रव, गैस 2. ठोस पदार्थ किसे कहते हैं? पदार्थ की वह अवस्था जिसमें आकार एवं आयतन दोनों निश्चित हो, ठोस कहलाता है। 3. द्रव किसे कहते हैं? पदार्थ की वह अवस्था जिसका आकार अनिश्चित एवं आयतन निश्चित हो, द्रव कहलाता है। 4. गैस किसे कहते हैं? पदार्थ की वह अवस्था जिसमें आकार एवं आयतन दोनों अनिश्चित होता हो, गैस कहलाता है। आशा है कि आप को यह पोस्ट पसंद आया होगा और आपको पता चल गया होगा कि padarth kise kahate hain और पदार्थ के कितने प्रकार होते हैं।

गैस किसे कहते हैं?

गैस किसे कहते हैं? पदार्थ की वह अवस्था जिसमें आकार एवं आयतन दोनों अनिश्चित होता हो  गैस  कहलाता है।  जैसे- हवा, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड। ☆गैस की संपीडयता अधिक होती है।  ☆गैस का विसरण अधिकतम होती है।  ☆गैस के कण ठोस और द्रव के मुकाबले दूर-दूर होते है। ☆गैस के कण स्वतंत्र रूप में होते है।

द्रव किसे कहते हैं?

द्रव किसे कहते हैं? पदार्थ की वह अवस्था जिसका आकार अनिश्चित एवं आयतन निश्चित हो  द्रव  कहलाता है।  उदाहरण- पानी, तेल, अल्कोहल ☆ द्रव की संपीडयता भी कम होती है।  द्रव का विसरण मध्यम होता है।  ☆ द्रव के कणों की दुरी ठोस के मुकाबले ज्यादा होती है। ☆ द्रव के कण स्वतंत्र होते है पर पूरी तरह से नहीं।

पदार्थों का वर्गीकरण

पदार्थों का वर्गीकरण दो भागों में किया गया है- 1.भौतिक पदार्थ  2.रासायनिक पदार्थ भौतिक पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं? पदार्थ मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं- 1.ठोस 2.द्रव 3.गैस नोट- दो अन्य पदार्थ की अवस्थाएँ भी होते हैं 1.प्लाज्मा 2.बोस आइंस्टीन कन्डनसेट ठोस किसे कहते हैं? पदार्थ की वह अवस्था जिसमें आकार एवं आयतन दोनों निश्चित हो,  ठोस  कहलाता है।  जैसे- लकड़ी, लोहा, बर्फ का टुकड़ा ☆ ठोस पदार्थ का संपीडयता कम होती है।  ☆ ठोस का विसरण नगण्य होती है।  ☆ ठोस के कण बारीकी और नजदीक होते है। ☆ ठोस के कण स्वतंत्र नहीं होते हैं।

पदार्थ क्या है

पदार्थ की आम परिभाषा है कि ' कुछ भी' जिसका कुछ-न-कुछ वजन (Mass) हो और कुछ-न-कुछ 'जगह घेरती' (Volume) हो उसे पदार्थ कहते है । उद्धरण के तौर पर, एक कार जिसका वजन होता है और वह जगह भी घेरती है उसे पदार्थ कहेंगे।

कुछ विशेष प्रकार के पौधें

कुछ विशेष प्रकार के पौधें  क्रोटन -  इस पौधे की बुआई फसलों के साथ की जाती है क्योंकि क्रोटन पौधा यह बताने में सक्षम होता है की फसल में पानी की आवश्यकता है या नहीं।इस पौधे की जड़े जमीन में अधिक गराई तक नहीं  पहुँचती है।  खेत में पानी की मात्रा की कमी होने पर यह मुरझाने लगता है इससे यह पता चलजाता है कि फसल को सिंचाई की आवश्यकता है।   बरगद - बरगद एक विशालकाय वृक्ष होता है। इसकी शाखाओं से जड़े निकलती है यह जड़े स्तम्भ का कार्य करती है। इन जड़ों को स्तम्भ जड़े भी कहा जाता है।  खेजड़ी - खेजड़ी एक ऐसा वृक्ष है जिसको अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है।  खेजड़ी की खेती  मुख्यतः भारत के रेगिस्तान क्षेत्रों में की जाती है । यह एक छायादार वृक्ष होता है ,  खेजड़ी के उपयोग  इनमे आने वाली फलियों का प्रयोग शब्जी के रूप  तथा ( खेजड़ी की छाल किस काम आती है ) छाल को दवाओं के रूप प्रयोग किया जाता है।  रेगिस्तानी ओक - यह वृक्ष मुख्यतः ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी जड़े गहरी होने से यह पानी में स्थित रहता है। इस क्...