बिहार में कुल 38 जिले हैं, इनमें नाम हैं- अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, कैमूर (भभुआ), कटिहार, खगरिया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, पटना, पूर्णिया, रोहतास, एस-जेड, सहरसा, समस्तीपुर, सरनी, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान, सुपौल, वैशाली और पश्चिम चंपारण.
☆ प्रारंभिक बाल्यावस्था का अर्थ जन्म से 6 वर्ष तक के शुरुआती जीवन से हैं | इन वर्षों को निर्माण के वर्ष कहते हैं क्योंकि इन्हीं बर्षों में शारीरिक,मानसिक,सामाजिक,संवेगात्मक और भाषा के विकास की नीव परती हैं ☆ तंत्रिका विकास के क्षेत्र में हुए अनुसंधान ने इन वर्षों के महत्व को इस रूप में माना हैं कि इन वर्ष में मस्तिष्क का विकास बहुत त्रिव गति से होता है ☆ प्रारंभिक वर्ष में लालन पालन उद्दीप्त करने वाली परिवेश और सीखने के अनुकूलतम अवसर छोटे बच्चों के जीवन पर दीर्घकालिक प्रभाव डालते हैं ☆ इन निर्माण वर्षो में सभी बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बाल्यावस दे भाल और शिक्षा [ECCE] की सुनिश्चितता द्वारा ऐसा किया जा सकता है ☆ किसी भी प्रकार का वचन बच्चों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है अतः BCCE के अर्थ और महत्व को समझना अनिवार्य हो जाता है अर्थ और महत्व ☆ BCCE शब्द तीन मुख्य शब्दों से मिलकर बना है 1. प्रारंभिक बाल्यावस्था 2. देखभाल 3. शिक्षा ☆ प्रारंभिक देखभाल में जन्म से 6 वर्ष तक की ...
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